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एनएमसी के नए निर्देश से दक्षिण गुजरात सहित तमाम मेडिकल कॉलेज में पीजी बैठक बढ़ने की संभावना है

हेल्थ रिपोर्टर। सूरत
सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज में अब पोस्ट ग्रेजुएशन सीट बढ़ाने का रास्ता साफ हो चुका है। कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर 3 साल से नौकरी करते हो और प्रोफेसर की जगह खाली ना हो तो ऐसी कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएशन में एक सीट बढ़ सकती है। ऐसा निर्देश नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा दिया गया है।

हाल ही में एनएमसी द्वारा एमडी, एमएस में पीजी की बैठक को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया गया था। जिसमें जिस कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर की पीजी टीचर के रूप में मान्यता मिली हो और उन्हें 3 साल पूरा किया हो और ऐसे एसोसिएट प्रोफेसर जो इस कॉलेज में नौकरी करते हो और कॉलेज में प्रोफेसर की पोस्ट खाली ना हो तो ऐसे कॉलेज को पीजी की एक अतिरिक्त बैठक दी जा सकती है। इस क्राइटेरिया में आने वाले एसोसिएट को हर साल दो की जगह तीन पीजी सीट अलॉट की जा सकती है। इस नियम के अनुसार अब सरकारी मेडिकल कॉलेज में पीजी सीट हर एक विषय में बढ़ जाएंगे। इसी तरह निजी कॉलेज के 15 साल के ऊपर हो और पिछले 10 साल से पीजी कोर्स चलाते हो, साथ ही कम से कम दो पीजी एनएमसी के इंस्पेक्शन हुए हो ऐसे निजी कॉलेज में भी यह नियम पीजी सीट में वृद्धि कर सकता है। एनएमसी के इस निर्णय से दक्षिण गुजरात सहित तमाम मेडिकल कॉलेज में पीजी बैठक बढ़ने की संभावना है।

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